शहर-ए-बनारस...
बसती है ज़वां रूह, शहर-ए-बनारस में,
मिलता
दिल-ए-सुकूं, शहर-ए-बनारस में,
विद्या
की राजधानी, बसते हैं ब्रह्म-ज्ञानी,
इतिहास
है पुराना, पहचान है पुरानी,
देवों
की है ये नगरी, अमृत यहां का पानी,
रहते हैं
महादेव, शहर-ए-बनारस में,
गंगा बहे
सदैव, शहर-ए-बनारस में,
कुछ आम
नहीं है, सब खास यहां है,
जीवन सपन
सलोना, एहसास यहां है,
मस्ती
का शहर है, ये घाटों का शहर है,
सुबह-ए-बनारस
में, सब खुशियों का बसर है,
जन-जन
की है ये मंज़िल, यह मोक्ष नगर है,
मणिकर्णिका
का द्वार, शहर-ए-बनारस में,
मृत्यु-मोक्ष-मार्ग, शहर-ए-बनारस में,
बसती है ज़वां रूह, शहर-ए-बनारस में,
मिलता
दिल-ए-सुकूं, शहर-ए-बनारस में
II
- सुरेश कुमार