About Me

My photo
Jaunpur, Uttar Pradesh, India
"PricE of HappinesS"... U can tring tring me on +91 9981565685.

Tuesday, October 11, 2011

वरना मै था ही नही....

जिन्दगी का हर
लम्हा तुम्हें सौंप दिया,
बस ये सोचकर कि तुम
मेरी जिन्दगी हो.
जी करता है, वक्त के
अंतिम सांस तक
तुम्हे प्यार करूं,
भू की अंतिम
परिक्रमा से परे
प्यार करता रहूँ.
तुम हो, मैं हूँ,
वरना मै था ही नही.


मेरी ख़ामोशियों का शोर
सिर्फ़ तुमने सुना,
महसूस किया,
दिल की अबोध धड़कन
को धड़कना सिखाया.
बिन तुम्हारे तो मेरा
अस्तित्व ही नहीं,
तुम हो, मैं हूँ,
वरना मै था ही नही.


                          सुरेश कुमार
                            ११/१०/११





5 comments:

रेखा said...

वाह ....समर्पण को दर्शाती हुई सुन्दर रचना

रविकर said...

बहुत ही खुबसूरत प्रस्तुति ||
बधाई बंधुवर ||

अभिषेक मिश्र said...

खामोशियों को बहुत कम ही लोग सुन पाते हैं.

विभूति" said...

ख़ामोशी को बखूबी शब्द दिए है आपने....

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

क्या बात है! वाह! बहुत सुन्दर प्रस्तुति बधाई