आरजू है उनसे मिलने की,पर मिल ना पाऊंगा..
ना मिला तो लगता है, अब जी ना पाऊंगा .
संग उनके हमने खुशियों के समन्दर मे गोते लगाये हैं.
जो अब मिला है गम तो ये किसको बताऊंगा...
आरजू है उनसे मिलने की,पर मिल ना पाऊंगा.......
********************************************
उन्हे पता है इस दिल की धड्कन क्यों थम सी जाती है..
उनके ना होने का एहसास,इस दिल को अब पल-पल सताती है..
वो आ गये तो समझना मेरी सांसे अभी भी चल रही है..
और ना आये तो जैसे, मर ही जाऊंगा...
आरजू है उनसे मिलने की,पर मिल ना पाऊंगा..
**********************************************
वो मेरे मन की कलाकृति है, उन्हे पता है.
वो मेरी खुशी, सिर्फ़ मेरी आकृति है, उन्हे पता है..
मेरे मन की हर तरंगो मे बस गयी है वो.
खुश्बू की तरह हर सांस मे सिमट गयी है वो..
प्यार के ये फूल, दिल-ए-गुलशन में जाने कब खिलाउंगा...
आरजू है उनसे मिलने की,पर मिल ना पाऊंगा..
By Suresh Kumar
Geologist
GSI
No comments:
Post a Comment